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मध्य प्रदेश के विशेष पुलिस महानिदेशक मनीष शंकर शर्मा का दिल्ली में निधन, भोपाल में होगा अंतिम संस्कार

स्पेशल डीजी रेल के पद पर थे, पिता रह चुके मप्र के पूर्व मुख्य सचिव

भोपाल 

स्पेशल डीजी रेल और पूर्व मुख्य सचिव कृपाशंकर शर्मा के बेटे मनीष शंकर शर्मा का असमय निधन हो गया है। वे उपचार के लिए दिल्ली गए थे। वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। मनीष शंकर शर्मा की पार्थिव देह आज सुबह भोपाल पहुंची है। ई-5 स्थित निवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। आज ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा

IPS मनीष शंकर शर्मा का निधन, इलाज के दौरान दिल्ली में ली अंतिम सांस, सीएम डॉ. मोहन यादव ने जताया शोक

वे एक ऐसे अधिकारी रहे जो आईपीएस को करियर नहीं सेवा मानते थे। अपने पूरे सेवाकाल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उनकी रणनीतिक सोच और योगदान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में सैन डिएगो की सिटी काउंसिल ने उनके सम्मान में 20 जुलाई को “मनीष शंकर शर्मा डे” घोषित किया और अमेरिकी संसद के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने भी उन्हें सम्मानित भी किया।

 

मध्यप्रदेश पुलिस के विशेष पुलिस महानिदेशक (स्पेशल डीजी) रेल मनीष शंकर शर्मा का शनिवार देर रात दिल्ली में इलाज के दौरान निधन हो गया। 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी का पार्थिव शरीर भोपाल लाया जा रहा है जहां उनका अंतिम संस्कार होगा। मनीष शंकर शर्मा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव केएस शर्मा के पुत्र थे। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उनके असमय निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

मनीष शंकर शर्मा एक ऐसे आईपीएस अधिकारी थे, जिन्होंने अपनी 28 साल की सेवा में न सिर्फ भारत बल्कि विश्व के चार महाद्वीपों में अपनी छाप छोड़ी। वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उनकी रणनीतिक सोच और योगदान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल सिक्युरिटी, काउंटर टेररिज्म एंड पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स डिग्री प्राप्त शर्मा को यूनाइटेड नेशंस पीस मेडल, नेशनल लॉ डे अवॉर्ड, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस अवॉर्ड और पद्मश्री “आरएन जुत्शी मेडल” जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया था। वर्ष 2015 में सैन डिएगो की सिटी काउंसिल ने उनके सम्मान में 20 जुलाई को “मनीष शंकर शर्मा डे” घोषित किया और अमेरिकी संसद के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने भी उन्हें सम्मानित किया।

IPS को करियर नहीं, सेवा मानते थे मनीष शंकर शर्मा

मध्यप्रदेश के सीनियर आईपीएस अधिकारी मनीष शंकर शर्मा के निधन से प्रदेश में शोक की लहर है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। वे मानते थे कि आईपीएस करियर नहीं बल्कि एक सेवा है। 11 मई 1966 को होशंगाबाद में जन्मे मनीष शंकर शर्मा ने इंदौर के डेली कॉलेज से स्कूली शिक्षा और भोपाल स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज से ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद बिड़ला इंस्टीट्यूट, पिलानी से मार्केटिंग में एमबीए हासिल किया। 1992 में आईपीएस में चयन के बाद उन्होंने 1997 में संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत बोस्निया और हर्जे गोविना में सेवा दी, जहां उन्होंने स्थानीय पुलिस को प्रशिक्षण प्रदान किया। मध्यप्रदेश में रायसेन, सतना, छिंदवाड़ा और खंडवा जैसे जिलों में पुलिस अधीक्षक के रूप में उनकी कार्यशैली ने क्राइम कंट्रोल और लॉ एंड ऑर्डर में सुधार के लिए उन्हें खास पहचान दिलाई।

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